.........श्रीमहाकाल शनि यंत्र......... •••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••••
जीवन में हर व्यक्ति शनि से भय खाता है... और बहुत डरता है... क्योंकि ज्योतिष मैं शनि के सबसे क्रूर ग्रह माना गया है.... परंतु शनि तो न्याय के देवता है... और वह हमें दंड हमारे कर्मों के अनुसार देते है... क्योंकि जैसा हमारा कर्म होगा वैसा हमें दंड मिलेगा.. और शनि परम दयालु ग्रह भी.... है... मेरे मतानुसार शनि के समान दयालु और हितैषी ग्रह कोई नहीं है.... क्योंकि शनि जो भी दंड देता है... वह दंड हमारे सुनहरे भविष्य की निर्माण करता है......शास्त्रों में शनि के विषय में यह क्या गया है... शनि रंक को राजा और राजा रंक बना देता है..
यह भी सारभौमिक सत्य है कि राशि में अशुभ शनि हो तो जातक बहुत सी पीडा उठानी पडती है....अधिकतर लोग शनि का साढेसाती से डरते है... और इस सृष्टि में 100 मे 99% लोग आज भी शनि साढेसाती और ढैय्या से ग्रस्त और उनका जीवन अधिक संघर्षमय और कष्टमय प्रतीत होता जैसा लगता है...
और कुछ ज्योतिषजन इस बात का फायदा उठाकर जातक के जीवन के साथ खिलवाड करते है.... और लंबा चौडा पूजन विधान बताते है... और उनसे कराते है... जिससे जातक का धन और समय दोनों बर्बाद तो हो जाते है... और लाभ कुछ भी नहीं मिलता है... फिर जातक निराश होकर इधर उधर धक्के खाने लगता है... कभी अमुक ज्योतिष कै पास तो कभी अमुक बाबा के पास और इस तरह से जातक और जातिका अपने जीवन को तहस वहस कर देते है... और उन्हें चारों तरफ से निराशा ही निराशा दिखना लगती है.... और अपने आप को समस्या से गिरा मानकर जीवन यापन बडी मुश्किल से करता है.......
क्या ऐसा कोई समाधान नहीं है.... जिसके प्रभाव से शनि का शुभता को बढाया जा सके और शनिदेव की कृपा जाचक या जातिका पर होती रहे और जीवन यापन सुखपूर्वक होता रहे....
हमारे शास्त्रों मे अनेक उपाय बताये गये... और लाल किताब में भी अनेक उपाय बताये गये है जो सरल और सुगम है.. पर यह भी सत्य है कि हर उपाय हर साधक के लिये नहीं बने होते है... क्योंकि अधिकतर मैने अपने जीवन में ऐसे अनेक साधक और साधिका को देखा है कि जिन्होंने अनेक उपाये या ग्रहों के संबंधित अनेक टोटकों को किया पर लाभ उन्हें शून्य मात्रा मे प्राप्त हुये....
उपाय करना अच्छी बात है... पर उपाये के पीछे तथ्य को जाने बिना उपाय नहीं करना चाहिये. .....क्योंकि उपाय एक विज्ञान है... जो कुछ वाशिष्ट वस्तुओं के समावेश बना हुआ है... और हर वस्तु हर किसी के लिए लाभकारी सिद्ध नहीं होती है... इसलिए..... उपाय से महत्वपूर्ण और सटीक और सही और प्रमाणिक केवल एक ही मार्ग है.... वह साधना मार्ग... क्योंकि इसमे मार्ग मे साधक स्वयं को उस स्थिति मे खडी करके तराशता है.... जो स्थिति एक देवता की होती है... साधना का विषय मे ग्रंथों मे यह कहा गया है.... कि देवता बनकर साधना करो.....और यह मार्ग जो हर समस्या का समाधान सही और सटीकता के साथ निवारण करता है... क्योंकि साधक जब देवता की साधना करता है.... तो उस देवता की ऊर्जा और गुण उस साधक के अंदर आ जाते है... और वह देवता प्रसन्न होकर साधक के हर समस्या का निदान कर देता है....
इसलिए साधना मार्ग सबसे अतिउतम मार्ग है..... और शनिदेव की साधना करना को जीवन में अपने आप को शनि देव की कृपा को प्राप्त करके उनके साहचर्य को प्राप्त करना है... और इस यंत्र का साधना तो अपने आप उच्चता है... यह तो महाकाल शनि यंत्र साधना है... और इसके प्रभाव से साधक सर्वत्र अजेय हो जाता है... क्योंकि यह तो साक्षात महाकाल और शनिदेव की साधना और जीवन की महत्वपूर्ण साधना... शनिदेव. तो अत्यंत सौम्य और दयालु, और उदारता के देव है... तो उनसे डरना कैसा.... भय कैसा..... और उनकी साधना करके हम तो उनके सान्निध्य को प्राप्त कर सके.. और जीवन को एक नयी ऊर्जा दे सके... एक नयी स्फूर्ति दे सके..मुक्त पंछी की तरह जीवन की उडान भर सके... यही तो जीवन है.... जहां सम्पूर्णता के साथ उडान भरकर स्वतंत्र रूप से आकाश मे उडान भर सके बिना किसी के डर और भय के.... बिना किसी प्रतिबंध के.... संकोच के... तब जीवन मे पूर्णता आ सकती है... अन्यथा भय के कारण तुम केवल अपने आप को संकुठित करते रहेंगे और जीवन भर पछतावे के सिवा और कुछ हाथ मे नहीं आयेगा..
और यह यंत्र को जीवन की पूर्णता का यंत्र है...मुझे मालूम है... तुम सब इसके लाभ के बारे मे जानने के लिए उत्सुक है... तो इस यंत्र के साधक को निम्न लाभ प्राप्त होने लगते है.
👉 महाकाल शनि यंत्र की साधना कर साधक सर्वत्र कार्य में अजेय हो जाता है और फिर उसके सामने सभी सभी सफलताएं उसके चरण चिंता हैं....
👉 इस यंत्र सी साधना से और यह यंत्र धारण करने से साधक का व्यक्तित्व अत्यधिक आकर्षक एवं भव्य हो जाता है, उसके इर्द-गिर्द एक तेज युक्त आभा मण्डल निर्मित हो जाता है, जिससे उसके आस-पास के लोग स्वतः उसकी ओर आकर्षित होने लगते हैं और उसकी हर आज्ञा का बिना किसी कटाक्ष के पालन करते है..
👉 यह यंत्र साधना सिद्ध होते ही या यंत्र धारण करते ही व्यक्ति की दरिद्रता, रोग, शत्रुभय, ऋण आदि स्वतः ही नष्ट हो जाती है.....
👉व्यक्ति के घर में निरन्तर धन का आगमन होता ही रहता है, नौकरी, इंटरव्यू, परीक्षा और अदालत आदि के कार्य में निश्चित सफलता मिलती है....
? व्यवसाय मैं पूर्ण तरक्की होने लगती है और अगर नौकरी पेशा वाला साधक हो तो उसकी पदोन्नति शीघ्र होती है...
👉इस उच्चकोटी के यंत्र साधना के प्रभाव से घर में सुख शांति का विकास होता है और यदि किसी ने घर पर तांत्रिक प्रयोग करके रखा है, या कोई ऊपरी बाधा या तांत्रिक अभिचार कर्म है तो वह नष्ट हो जाता है.....
👉 सबसे बडी बात इस यंत्र साधना की यह है कि यदि कुंडली मैं निर्मित अनिष्ट योग हो तो वे फलहीन हो जाते है, अगर दुर्घटना एवं अकाल मृत्यु का योग हो तो वे भी अल्प हो जाते है....
👉 इस यंत्र साधना और धारण करने के प्रभाव से साधक जिस कार्य में हाथ डालता है, उसमें उसे सफलता मिलती है...
👉 ऐसा व्यक्ति समाज में सम्माननीय एवं पूज्यनीय होता है, उच्चकोटी के लोग एवं अधिकारी भी उसकी बात को मानते है... और सम्मान करते है...
👉 साधक सभी का प्रिय हो जाता है, और जीवन भर में उसे किसी भी वस्तु का अभाव नहीं रहता....
👉इसके साथ ही साथ उसका पारिवारिक जीवन भी अत्यंत सुखी हो जाता है, यदि कोई क्लेश व्याप्त हो तो वह समाप्त हो जाता है..
👉 साधक की समस्त इच्छाएं व कामनाएं पूर्ण होती है और वह स्वयं भी आश्चर्य चकित रह जाता है, कि किस प्रकार से उसकी सारी अभिलाषाएँ स्वतः ही पूर्ण हो रही है...
यह यंत्र साधना तो बहुत ही महत्वपूर्ण है आज के युग में... क्योंकि आज के युग में साधक की समस्यायें अत्याधिक है... और समाधान उसे कहीं पर भी नजर नहीं आता है... और साधक क्रिया ऐसी हो जाती है.. उसके विचार स्वतः ऐसे बन जाते है.. कि वह इन सब स्थितियों को पूरा करने के कार्यशील रहता है.... और वास्तव में ही यह यंत्र अपने आप में अद्वितीय तेजस्वी है...
आने वाले विशिष्ट मुहूर्तों मे इस साधना का शिविर साधक के लिये सिद्धहिमालय सिद्धपीठ द्वारा आयोजित किया जायेगा... जिससे साधकों के एक नये व्यक्तित्व का विकास हो सके और समस्या से मुक्त जीवन जी सके....... और साधना 24 दिन की है... और उम्मीद है कुछ नवीन और तंत्र के प्रति अपने जीवन को समर्पित करने वाले साधक इस साधना को करने लिए आगे आयेंगे......
आप सबका अपना प्यारा सा
निखिल ठाकुर............
जय माँ चक्ररेश्वरी जगतअधिष्ठात्रि राजराजेश्वरी चक्राधिष्ठात्रि
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